जिन्दगी
राहों से भटककर मंजिल तलाशा करते हैं
घोर अंधेरे में उजाला तलाशा करते हैं
काले बादलों में रोशनी तलाशा करते हैं
डूबतेे शाहिल में तिनके तलाशा करते हैं
ऐ जिन्दगी तुमसे बेहद मुहब्बत करते हैं
घुट घुट कर जिन्दगी जीया करते हैं
सांसे लेकर हर पल मरा करते हैं
हर राह पर मुर्दों सा चला करते हैं
हर बात पर बेमन से हंसा करते हैं
ऐ जिन्दगी तुमसे बेहद मुहब्बत करते हैं
हर अन्जान चेहरे से मुस्करा कर मिला करते हैं
हर अजीज से नजरें झुकाकर मिला करते हैं
लोगों के सामने जबान बन्द ही रखा करते हैं
अपनों से हर पल दूरी बनाया करते हैं
ऐ जिन्दगी तुमसे बेहद मुहब्बत करते हैं
सपनों में हकीकत को देखा करते हैं
हकीकत में ही सपने देखा करते हैं
अपने लिए कांच का घर बनाया करते हैं
हर बार खुद ही तोड़ दिया करते हैं
ऐ जिन्दगी तुमसे बेहद मुहब्बत करते हैं
अनिश कुमार
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