शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

शहीद का प्यार


वो फूलों वाले दिन थे जब 
साथ मेरा तुम छोड़ गये
वो मिलने वाले दिन थे तब 
साथ मेरा तुम छोड़ गये
हे प्रिये, क्षमा, तुमसे मैं
इजहारे मुहब्बत कर ना सकी
हे भारत माँ के वीर 
क्यूँ मुझे अकेला छोड़ गये 

अपने आंखों में एक 
आंसू ना आने देंगे 
साथ देखे सपनों को 
आंखों से ना जाने देंगे
वीरगाथा सुनाएगी पुलवामा, 
तेरी हर पीढ़ी को
हे भारत माँ के वीर गर्व है, 
तुम अपना कर्ज उतार गये 

धन्य हो गई मैं तुमसे मुहब्बत करके
बता दिया तुने सच्चा प्रेम करके
तुम तो भारत माँ पर कुर्बान हो गये
मैं भी तो तेरी कुर्बानी पर कुर्बान हो गई

तेरे एक छुअन का अहसास 
कभी खत्म ना होगी
ता उम्र तेरी वर्दी मेरी 
मांग सजाए रखेगी
हर रात मैं सितारों में 
तुझे ढूंढा करूँगी
हे प्रिये, आना जरूर 
मैं राह तका करूँगी

मैंने चूड़ियाँ तोड़ी नहीं, बस उतार रखीं हैं
हर जन्म करूँगी इन्तज़ार सपने सजा रखीं हैं
इस बार छोड़ गये हो मुझे अकेला धरती पर
अगले जनम के लिए बेड़ियां बांध रखीं हैं

एक वादा तुमसे बस इतना रहेगा
शेर का बच्चा बब्बर शेर बनेगा
जिस भूमि पर तेरे जिस्म छलनी हुए
वहीं जाकर दुश्मन पर टूट पड़ेगा
वहीं जाकर दुश्मन पर टूट पड़ेगा

अनिश कुमार

2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Heart touching words . . .😊

Anish Kumar ने कहा…

Thanks

Featured Post

शहीद का प्यार

वो फूलों वाले दिन थे जब  साथ मेरा तुम छोड़ गये वो मिलने वाले दिन थे तब  साथ मेरा तुम छोड़ गये हे प्रिये, क्षमा, तुमसे मैं इजहा...