सुख, क्या है यह सुख
कीचड़ में कूदता
बारिश में भींगता
कागज की कश्ती
बनाकर तैराता
बल्ला उठाकर
धूप में भांजता
बगीचे से कच्चे
आम तोड़ता
तितली पकड़ता
पतंग उड़ाता
यही बचपन
तो है सुख
पापा के कंधों पर
मेला घूमता
माँ के आँचल में
डरकर छुपता
चाचा से जिदकर
टाॅफी लेता
दादा की छड़ी पकड़
गाँव भर घुमाता
दादी के पास सोकर
कहानियाँ सुनता
बुआ संग छुपकर
इमली खाता
यही बचपन
तो है सुख
बगैर आंसू गिराये
जोर से रोता
ज़िद पूरी होते ही
खुलकर हंसता
खाने से ज्यादा
खिलौनों की चिंता
मेहमान के आते ही
समोसों की चिंता
बेतरतीब कमरे
न सजाने की चिंता
चिप्स का जुगाड़
कार्टून की चिंता
हंसता मुस्कराता
यही बचपन
तो है सुख
अनिश कुमार
अनिश कुमार
2 टिप्पणियां:
Bahut khub Anish. Thanks bachpan ki yaad taja karne ke liye.
Thanks
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