वो फूलों वाले दिन थे जब
साथ मेरा तुम छोड़ गये
वो मिलने वाले दिन थे तब
साथ मेरा तुम छोड़ गये
हे प्रिये, क्षमा, तुमसे मैं
इजहारे मुहब्बत कर ना सकी
हे भारत माँ के वीर
क्यूँ मुझे अकेला छोड़ गये
अपने आंखों में एक
आंसू ना आने देंगे
साथ देखे सपनों को
आंखों से ना जाने देंगे
वीरगाथा सुनाएगी पुलवामा,
तेरी हर पीढ़ी को
हे भारत माँ के वीर गर्व है,
तुम अपना कर्ज उतार गये
धन्य हो गई मैं तुमसे मुहब्बत करके
बता दिया तुने सच्चा प्रेम करके
तुम तो भारत माँ पर कुर्बान हो गये
मैं भी तो तेरी कुर्बानी पर कुर्बान हो गई
तेरे एक छुअन का अहसास
कभी खत्म ना होगी
ता उम्र तेरी वर्दी मेरी
मांग सजाए रखेगी
हर रात मैं सितारों में
तुझे ढूंढा करूँगी
हे प्रिये, आना जरूर
मैं राह तका करूँगी
मैंने चूड़ियाँ तोड़ी नहीं, बस उतार रखीं हैं
हर जन्म करूँगी इन्तज़ार सपने सजा रखीं हैं
इस बार छोड़ गये हो मुझे अकेला धरती पर
अगले जनम के लिए बेड़ियां बांध रखीं हैं
एक वादा तुमसे बस इतना रहेगा
शेर का बच्चा बब्बर शेर बनेगा
जिस भूमि पर तेरे जिस्म छलनी हुए
वहीं जाकर दुश्मन पर टूट पड़ेगा
वहीं जाकर दुश्मन पर टूट पड़ेगा
वहीं जाकर दुश्मन पर टूट पड़ेगा
अनिश कुमार